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Uttarakhand Exit Polls 2022: धामी फ्लावर भी है... फायर भी! सीट शेयरिंग से तो यही संदेश
时间:2023-10-02 17:07:31 出处:आज के समाचार阅读(143)
Uttarakhand Exit Poll Result 2022: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे भले ही 10 मार्च को आएंगे,धामीफ्लावरभीहैफायरभीसीटशेयरिंगसेतोयहीसंदेश लेकिन यहां किसकी सरकार बनेगी, ये इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में सामने आ चुका है. बता दें कि उत्तराखंड में इस बार भारतीय जनता पार्टी को बहुमत मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है. भाजपा को प्रदेश की 70 में36 से 46 सीटें मिल सकती हैं. जबकि कांग्रेस को 20 से 30 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं बीएसपी के खाते में 2 से 4 जबकि आम आदमी पार्टी को 2 से 5 और अन्य को भी 2 से 5 सीटें आने का अनुमान है.उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले स्थित गंगोलीहाट में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि अपना पुष्कर फ्लॉवर भी है और फायर भी. हमारा पुष्कर ना कभी झुकेगा, ना कभी रुकेगा. अब एग्जिट पोल के आने के बाद ऐसा होता दिख रहा है.राज्य के दो मंडल (गढ़वाल और कुमाऊं) में सीट शेयरिंग का परसेंटेज तो यही इशारा कर रहा है. गढ़वाल मंडल के पहाड़ी और मैदानी इलाके में कुल 41 विधानसभा सीटों में से 22 सीटें भाजपा को मिलती दिख रही हैं. यानी की गढ़वाल मंडल में वोटर्स का भाजपा की ओर झुकाव बरकरार है. जबकि कांग्रेस को गढ़वाल मंडल में 15 जबकि बीएसपी को दो और अन्य के खातों में भी दो सीटें जाती दिख रही हैं.वहीं कुमाऊं मंडल की 29 सीटों में से 18 सीटों भाजपा को मिलती दिख रही है. कांग्रेस को इस मंडल में 10 जबकि बीएसपी को शून्य और अन्य को 1सीट मिलती दिख रही है.बता दें कि अन्य में आम आदमी पार्टी (AAP), उत्तराखंड क्रांति दल (UKD), उत्तराखंड जन अधिकार पार्टी(UJAP) और निर्दलीय शामिल हैं.- उत्तराखंड में 70 सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताएं किंग मेकर साबित होती दिख रही हैं. 46 प्रतिशत महिलाओं ने भाजपा को जबकि 38 प्रतिशत महिलाओं ने कांग्रेस को वोट किया है. वहीं भाजपा और कांग्रेस के लिए पुरुष मतदाताओं का वोटिंग परसेंटेज लगभग एक समान है.- भाजपा को वोट देने वाली महिला मतदाताओं से पूछा गया कि आपने बीजेपी को वोट क्यों दिया? 31 फीसदी महिला वोटर्स ने कहा कि मोदी की वजह से. राज्य के चुनाव में यह पहली बार है जब विकास पर पीएम मोदी की लोकप्रियता ज्यादा है.- हालांकि वोटर्स से बातचीत में अगले मुख्यमंत्री के लिए हरीश रावत और पुष्कर सिंह धामी ही पसंदीदा विकल्प हैं. लेकिन सच तो यह है कि ये दोनों ही नेता अपनी-अपनी सीट जीतने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.- राज्य के SC, ST और मुस्लिम समुदाय बड़े पैमाने पर कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन इन 3 समुदायों का कुल आधार लगभग 33% है. वहीं राजपूतों, ब्राह्मणों और ओबीसी के बीच बीजेपी बहुत अच्छा कर रही है, जिनका कुल जाति आधार लगभग 66% है.- राज्य में महंगाई, बेरोजगारी और भाजपा सरकार के खराब प्रदर्शन के बावजूद मोदी फैक्टर के साथ वापसी करती दिख रही है. बता दें कि 5 साल के कार्यकाल में भाजपा ने 3 मुख्यमंत्री को बदल दिया था.- वहीं, हरीश रावत को शिफ्ट करने का भारी नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ता दिख रहा है. हरीश रावत पहले गढ़वाल मंडल के अपने पारंपरिक सीट हरिद्वार ग्रामीण से लड़ते थे जबकि इस बार कांग्रेस ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कुमाऊं मंडल के लालकुआं विधानसभा सीट से मैदान में उतार दिया.- कांग्रेस को वोट देने वालों में 20 फीसदी वोटर्स ने विधायक को देखकर वोट किया है जबकि दूसरे नंबर पर 14 प्रतिशत ने मंहगाई और चौथे नंबर पर 7 फीसदी वोटर्स ने बेरोजगारी को फैक्टर मानते हुए वोट किया है.- विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी किसी भी तरह की पैठ नहीं बनाती दिख रही है. वहीं बसपा 6 प्रतिशत वोट शेयर के साथ अपनी पकड़ बनाए हुए हैं. बसपा बहुत कम सीटों के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है.
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