欢迎来到घोड़े का सेक्सी वीडियो

घोड़े का सेक्सी वीडियो

तो क्या पीएफआई ने मेरठ में हिंसक प्रदर्शन की प्लानिंग की? जांच जारी

时间:2023-10-02 16:28:16 出处:अदानी एंटरप्राइजेज शेयर प्राइस阅读(143)

उत्तर प्रदेश के मेरठ में 20 दिसंबर को नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा स्वाभाविक थी या किसी प्लानिंग का हिस्सा,तोक्यापीएफआईनेमेरठमेंहिंसकप्रदर्शनकीप्लानिंगकीजांचजारी इस पर जांच जारी है. यूपी पुलिस की मानें तो यह एक बार की घटना नहीं है. इसके लिए काफी दिनों से प्रयास चल रहा था. पुलिस ने इस मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) नामक एक संस्था की भूमिका का भी खुलासा किया है. फिलहाल पुलिस, 20 दिसंबर की हिंसा में इस संस्था की भूमिका की जांच कर रही है. जानकारी के मुताबिक पीएफआई, जुलाई 2019 से मेरठ में अपना जाल फैला रहा है. इतना ही नहीं मेरठ के नौचंदी क्षेत्र में पीएफआई ने अपना पहला कार्यालय भी खोला था. पुलिस सुत्रों ने बताया कि पहला पैम्फलेट 'बेखौफ जियो, बाइज्जत जियो...' नाम से जारी किया गया था. ये ठीक उस समय की बात है जब यूपी में गोकशी के शक में कई लोगों के साथ मॉब लिंचिंग की घटनाएं उजागर हुई थीं. पैम्फलेट में झारखंड में तबरेज अंसारी की हत्या का भी जिक्र था. बता दें कि तबरेज अंसारी पर भीड़ ने हमला कर दिया था. उससे 'जय श्री राम और जय हनुमान' के नारे लगवाए गए थे. पुलिस ने मेरठ में सार्वजनिक स्थल पर धार्मिक भावना भड़काने के आरोप में दो केस भी दर्ज किए थे. एक केस लिसाड़ी गेट थाने में जबकि दूसरा नौचंदी पुलिस थाने में. साथ ही पुलिस ने पीएफआई के जोनल प्रमुख मुफ्ती शहजाद और उसके सहयोगी मोहम्मद वसीम को गिरफ्तार किया था. हालांकि बाद में वसीम को बेल मिल गई थी. जांच के दौरान दूसरा पैम्फलेट 15 दिसंबर 2019 को सामने आया. यह पैम्फलेट एक ई-रिक्शा के पीछे चिपकाया हुआ पाया गया था. इसमें लोगों को 6 दिसंबर 1992 को हुई बाबरी विध्वंस की घटना की याद दिलाई गई थी. उसमें लिखा था, 'हम 6 दिसंबर 1992 की वो घटना कैसे भूल सकते हैं, जब बाबरी मस्जिद को तोड़ा गया था. फिर 9 दिसंबर 2015 जब फैसला इंसाफ के खिलाफ सुनाया गया! याद रखना पहला डिफेंस. 18 दिसंबर यानी कि मेरठ में हुई हिंसा से दो दिन पहले एक और पैम्फलेट सामने आया. इस पैम्पलेट में लोगों से शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहा गया था. साथ ही मस्जिद के बाहर, सड़क जाम करने के लिए भी कहा गया था. उसमें लिखा गया था, 'मुस्लिमों से वोट का अधिकार छीन लिया जाएगा. उनके बैंक अकाउंट्स सीज कर दिए जाएंगे और उन्हें घुसपैठिया बताकर डिटेंशन सेंटर भेज देंगे. बता दें कि 20 दिंसबर को नागरिकता कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है. पुलिस के मुताबिक अमजद और जावेद, भीड़ को पत्थरबाजी के लिए भड़का रहे थे. पूछताछ में दोनों ने पीएफआई के साथ अपनी सक्रियता स्वीकार की है. पीएफआई के पश्चिमी यूपी पार्टी प्रमुख 'आवेद उर्फ परवेज' फर्जी नाम से अपनी संस्था चला रहे हैं. पुलिस ने वहां पहुंचकर- नूर हसन और अब्दुल मुहीद हाशमी को गिरफ्तार किया. मेरठ एसपी सिटी, अखिलेश सिंह ने गिरफ्तारी पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा, 'हमने अपनी जांच में पाया कि पीएफआई से जुड़े लोग लोगों को भड़का रहे थे, इसी वजह से मेरठ में हिंसा भड़की. हमने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. फिलहाल उनसे पूछताछ जारी है, आगे जो भी पता चलेगा वो आपसे साझा किया जाएगा.

分享到:

温馨提示:以上内容和图片整理于网络,仅供参考,希望对您有帮助!如有侵权行为请联系删除!

友情链接: